एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय: छत्तीसगढ़ में बच्चों को शौचालय में रहकर पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ा, CCTV कैमरे लगाए जाने के आरोप
छत्तीसगढ़ समाचार: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के बच्चे बेहद अस्वच्छ परिस्थितियों में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। यह विद्यालय, जो छत्तीसगढ़ के ओरछा ब्लॉक के छोटेडोंगर क्षेत्र में स्थित है, गंभीर अवसंरचनात्मक समस्याओं से जूझ रहा है, विशेष रूप से कमरे की भारी कमी के कारण। इसके परिणामस्वरूप, बच्चे शौचालयों में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा, बच्चियों के बाथरूम में सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी आरोप लगाया गया है, जो शिक्षा के अधिकार और सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
छत्तीसगढ़ के एकलव्य विद्यालय की बदहाल स्थिति
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में छात्रों को कमरों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसके कारण उन्हें शौचालयों को अपना अध्ययन स्थल बनाना पड़ा है। शिक्षिकाओं ने बताया कि बच्चों को शौचालय की सीटों को कपड़े से ढंककर शौचालयों में टेबल और बेड लगाकर अपना ठिकाना बनाना पड़ता है। यह स्थिति विशेष रूप से बच्चियों के लिए और भी मुश्किल हो गई है, जिनके शौचालयों के दरवाजे टूटे हुए हैं, जिससे उन्हें सुबह के समय बाहर शौच के लिए जाना पड़ता है।
यह स्थिति तब उजागर हुई जब आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और कार्यकर्ता विद्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान, पार्टी ने विद्यालय की हालत को बहुत ही चिंताजनक बताया। AAP नेता नरेंद्र नाग ने इस मुद्दे पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि इस विद्यालय में बच्चों को "नर्क जैसी जिंदगी" जीने को मजबूर किया जा रहा है और प्राचार्य द्वारा बाथरूम में CCTV कैमरे लगाने की मंशा पर सवाल उठाया।
बच्चियों के बाथरूम में CCTV कैमरे लगाने के आरोप
निरीक्षण के दौरान सबसे गंभीर आरोप यह था कि विद्यालय के प्राचार्य ने बच्चियों के बाथरूम में सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। यह कदम गंभीर गोपनीयता उल्लंघन और बच्चों के अधिकारों का हनन करने जैसा है। AAP नेता नरेंद्र नाग ने पूछा कि प्राचार्य आखिर इस तरह की निगरानी के जरिए क्या हासिल करना चाहते हैं। उनका मानना है कि यह कार्रवाई छात्राओं की सुरक्षा के बजाय उनकी निजता का उल्लंघन करती है।
शिक्षिकाओं और कर्मचारियों ने किया समस्या का खुलासा
छोटेडोंगर स्थित एकलव्य आदर्श विद्यालय की शिक्षिका सुनीता ने बताया कि हॉस्टल में कमरों की भारी कमी के कारण बच्चों को शौचालयों में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि इस समस्या को लेकर हॉस्टल वार्डन ने उच्च अधिकारियों को शिकायत भेजी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
आम आदमी पार्टी की कार्रवाई की मांग
आम आदमी पार्टी के नेता अब इस मामले की गंभीर जांच की मांग कर रहे हैं और प्राचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात कर रहे हैं। AAP ने कहा कि राज्य सरकार को अन्य आश्रमों और स्कूलों की भी जांच करनी चाहिए, क्योंकि वहां की स्थिति और भी खराब हो सकती है।
निष्कर्ष
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की यह स्थिति छत्तीसगढ़ में शिक्षा और छात्रों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है। बच्चों को उचित सुविधाओं से वंचित रखना और उनकी निजता का उल्लंघन करना, न केवल उनके अधिकारों का हनन है, बल्कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी भी है कि वे इस स्थिति को सुधारें। अब समय है कि राज्य सरकार और संबंधित अधिकारी इस मामले में कार्रवाई करें और बच्चों के लिए सुरक्षित, स्वच्छ और उपयुक्त शिक्षा वातावरण सुनिश्चित करें।
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