छत्तीसगढ़ में 6वीं,7वीं, 9वीं और 11वीं की कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों के लिए बड़ी खबर है. शिक्षा सचिव एवं लोक शिक्षण संचालनालय के कमिश्नर डॉक्टर कमलप्रीत सिंह ने कहा है कि स्थगित कक्षाओं के संचालन की अनुमति दे दी गई है.
यानी अब इस क्लास में पढ़ने वाले बच्चों की भी स्कूल शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इससे जुड़ा औपचारिक आदेश आज शाम तक जारी हो जाएगा. बता दें कि कोरोना काल के मद्देनज़र इन कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई हो रही थी.
छत्तीसगढ़ में सभी तरह के कक्षाओं के संचालन की अनुमति दे दी गयी है। लोक शिक्षण संचालनालय के कमिश्नर कमलप्रीत सिंह ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है। छत्तीसगढ़ में अब छठी, सातवां, 9वीं और 11वीं की कक्षाएं कल से ही संचालित होनी शुरू हो जायेगी।
आपको बता दें कि 2 अगस्त से प्रदेश में 16 महीने बाद स्कूलों को खोलने का निर्देश जारी हुआ था, हालांकि उस वक्त सिर्फ पहली से पांचवी कक्षा के अलावे 8वीं, 10वीं और 12वीं की क्लास शुरू करने की इजाजत दी गयी थी, जबकि छठी, सातवीं, नौंवी और 11वीं की कक्षाएं की आनलाइन क्लास ही संचालित हो रही थी।
स्कूलों के साथ ही सभी आवासीय हॉस्टल भी खोले जा सकते हैं। यानी 17 महीने बाद स्कूल पूरी तरह शुरू हो जाएंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने स्वीकार किया कि बची कक्षाएं भी खोली जा रही हैं। कैबिनेट बैठक की औपचारिकता बाकी है। प्रदेश में कोरोना का असर अब एक फीसदी से भी नीचे गिर गया है। महीनेभर पहले प्रारंभ की गई क्लासेस निर्बाध रूप से चल रही हैं।
ये एसओपी लागू है
कोविड फ्री ग्राम पंचायतों को प्राइमरी स्कूल खोलने का अधिकार, दो गज दूरी बनाकर रखना, मास्क की अनिवार्यता, स्कूलों में 50 प्रतिशत उपस्थिति, हाजिरी की अनिवार्यता नहीं, शिक्षकों व स्टाफ के लिए वैक्सीनेशन कैंपेन, स्कूलों का सेनिटाइजेशन, बच्चों व शिक्षकों से स्कूल में लगातार हाथ धुलवाना आदि।
ऐसी ग्राम पंचायतें जो कोविड फ्री हैं। वहां पालकों की अनुमति से आठवीं से बारहवीं तक क्लासें खोलना। यदि मरीज मिला तो स्कूल बंद करना। सरकारी स्कूल काफी बड़े हैं। उनमें 50 प्रतिशत उपस्थित रहते हैं, तब भी बच्चे आसानी से डिस्टेंस बना सकेंगे। कई स्कूलों में दर्ज संख्या कम है, वहां एक पाली में पढ़ाई कराना।
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